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Showing posts from 2018

ज़हर

ज़हर कितने तरह के होते हैं? एक राजा, एक रानी और उनकी कहानी फिर तिरस्कार, प्रताड़ना और मनमानी बेल्ट पकड़े, आगे बढ़ते, खींसे निपोरते राक्षस की सुर्ख आंखों से झलकती उस कहर को सहते जा...

एक आग कहीं लगानी है

एक मैसेज आया है व्हाट्सएप पे की कल दुकानें बंद करानी है कुछ तलवारें निकलवानी है एक आग कहीं लगानी है क्या हुआ जो हम सब एक नही और मेरे इरादे नेक नही जाति और क़ौम पे ये क़ुरबानी है ...

मैं कवि हूँ

मैं कौन हूँ? मैं कवि हूँ आज भी हूँ और कल भी हूँ अमृत भी हूँ, हलाहल भी हूँ अजर हूँ मैं, अमर भी हूँ तप भी मैं, और समर भी हूँ मैं ही तो कविगुरु में बसता हूँ और महाकाव्य भी मैं ही रचता हूँ...

उधेड़बुन

घंटों ताकते रहता हूँ कोरे काग़ज़ को और वो मुझे देखते रहती की स्याही की एक लकीर खींच दूं एक अक्षर लिख दूं की एक शुरुआत करूं वापस लिखने की एक अरसा हो गया कुछ बातचीत किये हुए एक उम...