क्या होता अगर हम ना मिले होते तो

क्या होता अगर हम ना मिले होते तो
क्या होता बस 'हाय-हेलो' तक ही बातें होती हमारी
क्या होता अगर साथ ना मुस्कुराते तो
क्या होता अगर राहें ना जुड़ती हमारी
क्या होता आँखे चार ना होती
क्या होता अगर बातें ना चलती हमारी
क्या होता अगर हम किरदार ना होते
और क्या होता अगर कहानी ना बनती हमारी

ना जान पाते तुम्हें हम
ना हमें तुम जान पाते
ना मौका मिलता फिर से एक बार जीने का
ना मौका मिलता खुद को किसी से बाँटने का
ना संयोग बनता इस दिल के फिर से धड़कने का
ना संयोग बनता आईने में खुद को एक बार और देखने का

और क्या हो गया जो तुम पूरे ना मिले हमें
ऐसा तो नही की तुम बने ही नही हमारे
तुम हमारी कविता बने
तुम हमारी कहानी बने
तुम पर हमने शेर लिखे
और तुम हमारी शायरी बने

तुम्हारा होना भले ही क्षणिक हो मेरी ज़िंदगी में
और शायद मेरा होना तुम्हें बेमानी लगे
मगर हम भी लिखारी हैं
हम भी शब्दों के खिलाड़ी हैं
किसी और से तुम मिलते तो शायद कुछ ना होता
हमसे जो मिले हो तो कुछ अलग कर देंगे
शब्दों में पिरो तुम्हें अमर कर देंगे
और शायद ये कहानी तुम खुद भी लिख लेते
पर शायद दुनिया को तुम्हें मेरे अल्फ़ाज़ों से ही रु-ब-रु होना था
और बस यही ना होता अगर हम ना मिले होते तो

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