फोटोग्राफर हूतियापा
किसी भी शादी में जाइये... नज़रें घुमाइये...
ज़रा बताइये तो की सबसे ज़्यादा रुआब किसके चेहरे पर दिख रहा है? दुल्हे के? दुल्हे के पिता के? दुल्हे के फुफा जी के, जिनको ना कड़ाही पनीर में कड़ाही मिला और ना ही नमक हलाल में उम्दा नमक? जी नही! सबसे रुआबदार, सुर्य की कांति सा चमकता चेहरा फोटोग्राफर का होता है.
वह उस वैवाहिक ब्रह्मांड के केंद्र में होता
है. और इसी केंद्र के इर्द-गिर्द 2 क्विंटल मेक-अप लगाए अधेढ़ उम्र की महिलाएं, दो महिने की डाईटिंग के बाद भी पतले होने मे विफल लड़कियाँ और हल्की दाढ़ी रखे
हुए गरीब से दिखते हुए लड़के एक निश्चित परिधी में घूमते रहते हैं कि फोटो वाले भैया
उनकी नयी डीपी के लिए फोटो खीचेंगे. और ये खयाली पुलाओ अलग ही पक चुका होता है फेसबुक
के एलबम के नाम ऐसे रखेंगे: वीरे दि वेडिंग, यार की शादी और ना
जाने क्या-क्या!
शादी कराते हुए पुरोहित को इतना भाव ना मिलता
होगा, जितना टशन ये खा जाते हैं. और फोटो की डेप्थ
क्या होती है, ड्रामा क्या होता है, ये
लोग यश चोपड़ा को भी इस बात कि ट्रेनिंग दे सकते हैं. लाल चुनरी के पीछे से तस्वीर लेंगे
क्युंकि इसका इफेक्ट अलग आएगा. चम्मच में दुल्हा-दुल्हन की प्रतिछाया वाली फोटो लेंगे.
क्युँ भई? क्युँकि आर्ट क्या होता है, वो
तुम
क्या जानो बे लोमड़ी! वो तो गजेंद्र चौहान के कारण FTII में
नही गये, नही तो आज श्याम बेनेगल मार्का फिल्में इनके कैमरे से निकल
चुकी होती.
पहले तो सिर्फ शादी
में ही ये अपना जलवा दिखा पाते थे,
लेकिन नये दौर में इनकी
महत्ता और ज़्यादा बढ़ गयी है. प्री-वेडिंग शूट, संगीत
शूट, वेडिंग शूट,
पोस्ट-वेडिंग शॉट्स सब में
इनका आशिर्वाद मिलता है. अब तो वो दिन भी दूर नही जब ‘नये ज़माने
के ट्रेंड’ के नाम पे लोग इनको हनीमून फोटो लेने में भी बुलाएंगे. बुकिंग
के वक़्त ये आपको भरोसा दिलाते हैं की एकदम यूनीक फोटो खीचेंगे और ऐन मौके पर आपको मोबाईल
में किसी दूसरे शादी में ली हुई पिक्चर दिखा के बोलेंगे की “सर ऐसे पोज़ दिजिए. हाँ, अब तो
टाइटैनिक वाला हाथ फैला के...हाँ...अब पीठ से पीठ लगा के थोड़ा ऐटिट्युड में. अब ये
सिर्फ हाथ में हाथ वाला शॉट.”
इसके अलावा ये भी देखने
मिलता है की ये दुल्हन को उनके नये-नये गहने के साथ अलग-अलग मुद्राओं में तस्वीर खींचते
हैं. कान की बाली, नाक का नथ,
चूड़ियाँ, यहाँ तक
के बिछिया का भी अलग तस्वीर लेना है. ऐसा जान पड़ता है की दुल्हन की साईड से उसके मामा
ने बोल दिया हो कि “एलबम में एक-एक गहना आना चाहिए. ऐसा ना हो की बाद में समधनजी
बोले कि, ‘आपने तो बस 2 जोड़ी कपड़ों में बेटी विदा कर दी. जब मैं आई
थी तो पूरा फोर्ट नॉक्स ही साथ ले कर आ गयी थी.’”
जब सबूतों की बात चल ही
रही है तो एक और चीज़ का सबूत जुगाड़ करना भी इनके ज़िम्मे होता है: मेहमानों के खाने
का सबूत. आपको याद हो ना हो की आपने क्या खाया था, इनको जन्मों
तक याद रहता है. और अगर गलती से आपने इन्हें अपने पार्टी के लिए बुला लिया तो सुनने
के लिए तैयार रहिए, “हाँ सर,
आपकी च्वाइस जानते है. आप
वही हैं ना जो शर्माजी की बेटी की शादी में 8 पीस मुर्गा और 5 आइस-क्रिम खाए थे. हाँ
सर, ये देखिए फोटो. आपके मुँह से मुर्गे की दोनो टंग्ड़ियाँ निकली
हुई है.” और आप भी झेंप के अपनी भुक्खड़ चरित्र को मान लेते है, “हेंह
हेंह हेंह! सही पकड़े हैं.”
ये सब तो फिर भी बाहरी
हैं. अगर आपके किसी परिवार वाले ने DSLR
खरीद लिया तो उसके अलग पंगे.
साक्षात डब्बु रतनानी आपके घर अवतरित हो जाते हैं. उधर फोटोग्राफर का निर्देशन खत्म
नही होता, इधर आपकी दूर की साली ने उसके ‘एंजेल
प्रिया फोटोग्राफी’ वाले फेसबुक पेज के लिए एक सौ उनसठ तस्वीरें लेनी हैं. ये
अलग आपको पोज़ के लिए उकसाएगी. और आप मन ही मन उसको कोस रहे होंगे की “साली खाने दे
दो कम से कम. कब से ये कमीने दोस्त मुँह के सामने कबाब चेपे जा रहे हैं.”
और इतना सारा तमाशा
होता भी है सिर्फ शादी के लिए. उसके 2 दिन बाद तक ये तस्वीरें फेसबुक और इंस्टाग्राम
की शोभा बढ़ाएगी जिसमे आपके दोस्त झूठ का लाईक करेंगे और ‘मुआआह’ और ‘मेड फॉर
ईच अदर’ जैसे जेनेरिक कमेंट करेंगे और परिवार की औरतें गॉसिप करेंगी
की “हूँह,
पैसे दिए हमने और मुए ने ज़्यादा फोटो दूसरी साईड वालों कि ले ली. सुन मंजु, अपने पम्मी
की वैडिंग में इसको नही बुलाएंगे. वो वसन्त विहार में मेरे बुआ के लड़के के नंदोई के
दोस्त के साले की स्टुडिओ है. वहीं से करवाएंगे. चल इसी बात पे एक सेल्फि ले लेते हैं.
मुझे कवर पिक के लिए एक नया फोटो चाहिए.”
Desi style satire on modern trends..gud one :)
ReplyDeletehilarious
ReplyDeletehilarious
ReplyDeleteThis was hilarious. It reminded me of Divyanka Tripathy's wedding shots. Photography is an art all right. But people nowadays really take it to unimaginable heights.
ReplyDeleteThe title and then at the end... Bua ke ladke ke Nandoi ke dost... Seems like a relationship problem.
This really changed my mood. Thanks for sharing this piece.
Thanks for the kind words ☺
DeleteIt takes a special kind of talent to make a satire click and you have got a real spark here... Hope to read more from you
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