Posts

Showing posts from February, 2015

यंगिस्तान

राजनीती की उठा-पटक में फिल्मों की चटक-मटक में रोडीज़ और अर्नब की चिल्ल-पों में रैट रेस के रेडी-स्टेडी-गो में यंगिस्तान हर वक़्त भाग रहा है जागते हुए सो और सोते हुए जाग रहा है अम्मा के दुलार में बाउजी के मार में BMW के कार में गोरिया के प्यार में यंगिस्तान सपनो की दुनिया में होता है लड़का ये मोबाइल लेके सोता है ट्यूशन के पढाई के चक्कर में पडोसी के उधार की शक्कर में Innocent से धक्के की माफ़ी में उसके बाद CCD की कॉफ़ी में नौजवान सो-कॉल्ड लव में खो रहा है चार दिन बाद ब्रेक-अप में रो रहा है फेसबुक के वाल पे ट्विटर के बवाल पे शेयर के केयर में अफ़्रीकी बच्चों के सवाल पे यंगिस्तान अपना फ़र्ज़ निभा रहा है लाइक कर इंसानियत का क़र्ज़ चुका रहा है सोशल मीडिया के आउटरेज में मारुती के माइलेज में KFC के नॉन-वेज में ब्रांडेड सामान के क्रेज में चरित्र हल्का हो रहा है भविष्य कल का सो रहा है जॉब की नाइन टू नाइन में ठंडी बियर और रेड वाइन में डिस्को की लाइन में लेट पेमेंट की फाइन में इंसान मशीन बन रहा है खोखले दिखावे में सन रहा है बॉलीवुड के खानो में हनी सिंह क...

रोमियो का फेल्ड प्यार

पड़ोस में आज एक प्यारी सी लड़की आई है मुश्किल ये है की उसके साथ उसकी खूसट माई है मैं गया उनको तबादले की बधाई देने वो लगी मेरा इंटरव्यू लेने कौन हो? क्या करते हो? क्या काम है? मैंने बोला, "मैकेनिकल इंजीनियर हूँ, रोमियो मेरा नाम है।" ओह! नाम से आशिक़ और काम से मैकेनिक। वाह क्या जोड़ी है शादी हो गयी क्या? कब चढ़नी तुम्हे घोड़ी है? मैं शर्मा के लाल होकर बोला, "आंटी जब आप चाहो; आपका आशीर्वाद मिल जाये बस दुआ करो की आपके कारण मेरी शेरवानी सिल जाये" ये कहकर मैंने प्यार भरी निगाहों से उनकी बेटी को देखा नाम पूछा तो उसने अपने मीठे आवाज़ में बताया- सुलेखा बस हमारा इश्क़ रंग चढ़ने लगा उधर शायद आंटी का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगा "सुलेखा बेटी, अंदर जाओ" उन्होंने चिल्लाया मैं जब उनकी तरफ मुड़ा तो केजरीवाल का हथियार मुझसे टकराया दे दना-दन, दे दना-दन, रुई की तरह उन्होंने मुझे धूना फिर तंदूरी चिकन के माफ़िक अपनी खरी-खोटी बातों में मुझे भूना मैं सरपट- सरपट भागा जैसे आंधी आई है काली का अवतार मेरे भावी-ससुर की लुगाई है हल्दी का दूध और पेनकिलर के हेल्प से मैं ये त...

It’s a Dog’s life

I am Tommy. This is my story. I used to be a cold-blooded vicious individual, proudly bringing respect to my family lineage. I am a hired gun. A mercenary. I was trained with selected individuals, hailing from different bloodlines and colour and nativity in a specialized facility, known only to a few as The Kennel. I was taught from an early age to master the art of strategic warfare and paw-to-paw combat. I gained mastery in using my senses and different body parts to achieve my aim. We used to do precise jumps from hoops, learn the scents of different explosives and narcotics and learning how to perform search and rescue missions. It was a cold, December night when the Kapoors came to the facility seeking a professional’s assistance in safeguarding their house. They were a normal upper middle class family with a kid named, Rohan. The day I entered their household I met every member and the staff of the client and did a recce of the entire place sniffing and looking for plac...