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Showing posts from May, 2019

कभी फ़ुर्सत हो तो वापस आना

कभी फ़ुर्सत हो तो वापस आना की आजकल कोई दिखता नही जो अपना हो अब आँखें मेरी सूख रही हैं इंतज़ार में की शायद अभी ही आ रही होगी और तुम्हारा अक्स धूमिल होता जा रहा अब आके उसे ताज़ा कर ज...