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ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है

ये खुशियों, ये मस्ती, ये जश्नों की दुनिया ये कल के साँसों पे प्रश्नों की दुनिया ये चलती सी फिरती, ये लाशों की दुनिया ये उम्मीदों में जीते हताशों की दुनिया ये उन्माद की आगों में जलती सी दुनिया ये हर मोड़ पर होती गलती की दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ये रुकते-सुलगते ख्वाबों की दुनिया ये जलते से बुझते चराग़ों की दुनिया ये बेफ़िक्री में उड़ते मौजों की दुनिया ये दिमाग़ों में चीखती आवाज़ों की दुनिया ये नाक सिकोड़ती समाजों की दुनिया ये सड़कों में जलती चिताओं की दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ये चाल चलती सियासतों की दुनिया ये हसरतों की होती शहादतों की दुनिया ये कोरी सी काली रातों की दुनिया ये बेबस, बेज़ार हालातों की दुनिया ये निरुत्तर कराती सवालों की दुनिया ये घुटती-सिसकती मलालों की दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ये बेड़ियों से बचती गुनाहों की दुनिया ये ईमान बेचती सभाओं की दुनिया ये चमकते-भड़कते लिबासों की दुनिया और उनमें ही चलते ज़िंदा लाशों की दुनिया ये ग...